"रोज़ वही काम,पर बड़े मसरूफ़ रहते हैं हम दोनों ही " "रोज़ वही काम,पर बड़े मसरूफ़ रहते हैं हम दोनों ही "
निकला करता था कभी, आसमां को झुकाने ईक दिन, कभी अपने ठोकरों में,जमाने को रक निकला करता था कभी, आसमां को झुकाने ईक दिन, कभी अपने ठोकरों में,जम...
मेरे सपनों का प्यार कुछ ऐसा होता जो मेरे जिस्म को नहीं रूह को संवारता, मेरे सपनों का प्यार कुछ ऐसा होता जो मेरे जिस्म को नहीं रूह को संवारता,
परिंदा मेरे मन का छटपटाता उड़ने को प्रयास लम्बी उड़ान के लिए अधूरी लालसा लिए लौट परिंदा मेरे मन का छटपटाता उड़ने को प्रयास लम्बी उड़ान के लिए अधूरी...
वही मेरे जीवन का आधार मेरी बेटी मेरा श्रवण कुमार। वही मेरे जीवन का आधार मेरी बेटी मेरा श्रवण कुमार।
यह कविता मेरे जीवन की सच्चाई है.... यह कविता मेरे जीवन की सच्चाई है....